उत्तर प्रदेश से नशा तस्करी के बाद हथियारों की सप्लाई भी शुरू हो गई है। जिला पुलिस को तमंचे आदि तो मिलते रहे हैं, लेकिन बुधवार की रात मिले 7 देसी पिस्टल ने पुलिस को अलर्ट होने पर मजबूर कर दिया है। वहीं देखा जाए तो इस साल जनवरी से जून तक पुलिस ने नशा तस्करी में 133 मुकदमे दर्ज किए हैं। इसमें से 147 तस्करों को गिरफ्तार किया है। इसमें 80 फीसदी उत्तर प्रदेश से स्मैक की तस्कर के मामले हैं। पुलिस के अनुसार जनवरी से जून तक जिला पुलिस ने 19 किलो 500 ग्राम चरस, 678 ग्राम 471 मिलीग्राम स्मैक, 21 किलो 264 ग्राम गांजा, 2 किलो 110 ग्राम अफीम, 472 नशे के इंजेक्शन और 332 नशे की गोलियां बरामद की हैं।
नशा तस्करी में 133 तस्करों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर 147 आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। इसमें 80 फीसदी तस्करी उत्तर प्रदेश के बरेली, बहेड़ी समेत कई अन्य जगहों से हुई है। अब नशा के बाद तस्करों ने हथियारों की सप्लाई भी शुरू कर दी है, जो पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। पुलिस के लिए किसी को तमंचे के साथ गिरफ्तार करना बड़ी बात नहीं लग रही थी। क्योंकि पुलिस ने तमंचा बरामद करने के बाद कभी भी तमंचा बनाने वाले को नहीं पकड़ा। यही कारण है कि अब देसी पिस्टल की तस्करी तेजी से होने लगी है। अब पुलिस के लिए इस पर रोक लगाना जरूरी हो गया है।
कासगंज के भरगैन में बनते हैं देसी पिस्टल
लालकुआं थाना क्षेत्र के सुभाषनगर बैरियर पर चेकिंग के दौरान पकड़े गए हथियार तस्करों ने कासगंज के भरगैन में हथियार फैक्ट्री का खुलासा किया है। बताया कि वहां देसी पिस्टल बनाए जाते हैं। वे वहां से पिस्टल सस्ते में खरीदकर ज्यादा दामों में अन्य स्थानों पर बेचते हैं। पुलिस के अनुसार कासगंज यूपी के पटियाली, सिढ़पुरा, सिकंदरपुर वैश्य थाना क्षेत्र में आए दिन हथियार बनाने की फैक्ट्रियां पकड़ी जाती रही हैं। यूपी पुलिस भी कुछ समय पहले इस क्षेत्र की कई अवैध असलाह फैक्ट्रियों पर कार्रवाई कर चुकी है।