कव्वालियों पर झूमें जायरीन, मजार पर की चादरपोशी
शाहजहांपुर, 27 फरवरी। सूफी बुजुर्ग हजरत सुल्तान हसन अली शेर मियां उर्फ मन उल्लाह शाह मियां व हजरत शाह अहमद अली मियां रहमतुल्लाह अलैह का तीन दिवसीय सालाना उर्स यहां मोहल्ला मानू जई स्थित दरगाह पर कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन करते हुए अकीदत के साथ मनाया गया। कुल शरीफ में मुल्क की खुशहाली और कोरोना वायरस से हिफाजत की दुआ की गई।
रविवार को दरगाह के खादिम मो. रशीद की सरपरस्ती में उर्स-कुल का आगाज कुरआन ख्वानी से हुआ। सुबह दस बजे हुई कुल शरीफ की महफिल में हाफिज कासिम अख्तर वारसी ने कहा कि इन दरगाहों पर अदब व एहतराम से जाना चाहिए। अल्लाह वालों की बारगाह में हाजिरी देने से दिल को राहत व सुकून मिलता है। रेहान कादरी व मौलाना कासिम रजा ने नातिया कलाम सुनाकर लोगों से औलिया ए किराम से अकीदत व मोहब्बत करने पर जोर दिया। इसके बाद कुरआन ए पाक की आयात पढ़कर साहिबे उर्स को ईसाले सवाब करते हुए हाफिज आरिफ अजीम ने मुल्क की खुशहाली और सलामती व कोरोना वायरस से हिफाजत की दुआ की। अकीदतमंदों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मजार पर हाजिरी दी और गुलपोशी और चादरपोशी की। उर्स कमेटी की ओर से जायरीन में लंगर बांटा गया। महफिले समां में कव्वाल यूसुफ परवाज, शमीम वारसी, शादाब वारसी और जीशान आदि ने सूफियाना कलाम से जायरीन को मंत्रमुग्ध कर दिया। उर्स व कुल में हमीद, मो. स्वालेह, जीशान, हारून, अफजाल, शफी उल्लाह, अनीस, हाफिज मो. आलम, राशिद हुसैन, शुऐब वारसी, मो. कामरान, इजहार हसन, हाजी रियासत अली, नौशाद अंसारी, मो. सिकंदर, उस्मान आदि तमाम लोग मौजूद रहे। मो. रशीद उर्स प्रबंधक-दरगाह हजरत मन उल्लाह शाह मियां,मोहल्ला मानू जई, शाहजहांपुर।