नरमू ने दिया धरना,वहीं उरमू भी दे चुका है,कई बार अपना माँग-पत्र-रोजा/शाहजहाँपुर,लॉकडाउन को गुज़रे हुए,क़रीब तीन साल सें अधिक का समय व वक़्त होने बीत चुका है।लेक़िन इस दौरान बरेली सें लखनऊ हेतु जाने के लिए पूर्व पहले की ही भांति रोज़ा सें सबसे बड़ा जंक्शन में कई मेल एक्सप्रेस-ट्रेनो व पैसेंजर ट्रेनो का ठहराव आजतक नहीं किया गया है।वहीं ट्रेनों के ठहराव को लेकर,कई राजनीतिक दलो के साथ रेलवे के बड़े संगठनो द्वारा रेलवे के आलाधिकारियो व पदाधिकारियो ने इस अहम और गंभीर प्रकरण में सांसद महोदय को दो बार अपना ज्ञापन व लिखित शिकायती-पत्र सौपा,लेक़िन आज भी स्तिथि वहीं ही ज्यो की त्यो जैसी ही बनी हुई है।इसके बाबज़ूद रोज़ा में ट्रेनो के ठहराव व स्टोपेज़ को लेकर,अभी तक राहत की कोई ख़बर ना मिलने,नगर व आस-पास सें जुड़े क्षेत्रो लोगो में काफ़ी रोष गुस्सा व आक्रोश पनप रहा है।जिसकी मेन वजह सें लोगो को काफ़ी कठिनाईयो व परेशानियो सें जूझना भी पड़ रहा है। ज्ञात रहे,कि बीते सालो कोरोना,जैसी बड़ी वैश्विक-महामारी के चलते, प्रथम चरण सें लगे लॉकडाउन के चलते,लॉकडाउन सें सभी ट्रेनो का ठहराव बंद और पूरी तरह सें रद्द कर दिया था।लेक़िन अब लॉकडाउन ख़त्म होने के बाद भी रोज़ा रेलवे के इस सबसे बड़े जंक्शन पर पुनः रूप सें सभी ट्रेनो का संचालित और आगवागमन और ठहराव नहीं किया गया है।वर्तमान में बरेली सें लखनऊ जाने हेतु,उसे पकड़ने के लिए सीधा शाहजहाँपुर जाना पड़ता है।जिससे स्थानीय व क्षेत्रीय लोगो को काफ़ी दिक्कतो का सामना करना पड़ रहा है।