, या मैं अच्छा मुसाफ़िर बन जाऊंगा जी हां ऐसा ही हुआ इंजीनियर बनने के बाद भी बन्दे ने हौसला नहीं हारा और अंत में भारतीय प्रबंधन संस्थान के घोषित हुए परिणाम में आलोक शर्मा ने सफलता हासिल कर डलमऊ ही नहीं जनपद में भी परचम लहरा दिया तो वही दूसरे बेटे अनुराग शर्मा को भी देलही डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पर्सनल असिस्टेंट पद पर तैनाती मिली है। एक ही परिवार में एक ही महीने में दो दो खुशियां मिलने पर परिवार के साथ साथ व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने भी खुशी जाहिर आपको बता दें कि डलमऊ कस्बे के शंकर नगर में रहने वाले कमलेश शर्मा की इलेक्ट्रॉनिक की दुकान है। उन्होंने अपने बेटों के खातिर जी जान लगाकर मेहनत किया। समाज में कुछ कर दिखाने के लिए अपने आप को त्याग भी किया। आलोक शर्मा ने 2015 में आईआईटी में क्वालीफाई किया। और एचबीटीयू कानपुर से बीटेक किया। पढ़ाई के दौरान ही सैमसंग कंपनी में इंजीनियर पद पर नौकरी मिल गई। आलोक का सपना था कि और कुछ बड़ा किया जाए उन्होंने सपने को पूरा किया जिसपर उन्हें आईआईएम लखनऊ में सफलता हासिल की। वहीं उनके भाई अनुराग शर्मा लखनऊ में कोचिंग कर रहे थे। कोचिंग के दौरान उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से शिक्षा ग्रहण की। और वह किसी विभाग में जगह निकलने पर फॉर्म डालते रहते थे। 28 जून को जब परिणाम घोषित हुआ तो उनका नाम पर्सनल असिस्टेंट मैं आया तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सबसे पहले अनुराग ने अपने माता-पिता से बात को साझा किया। माता-पिता भी खुशी से गदगद हो गए।दोनों बच्चों को माता-पिता द्वारा दी गई अच्छी तालीम होने की वजह से कस्बे के लोगो को गौरवान्वित होना पड़ा। घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। मंगलवार को व्यापार मंडल अध्यक्ष घनश्याम जायसवाल, महामंत्री सुरेश साहू, कोषाध्यक्ष शीतला प्रसाद साहू, शैलेंद्र अग्रवाल, सरोज पांडेय, सहित अन्य लोगों ने कमलेश शर्मा के घर जाकर बधाई देते हुए शुभकामनाएं दी हैं। वही अध्यक्ष श्री जायसवाल ने कहा कि माता पिता के संस्कार ही बच्चों पर असर डालता है आगे कहा कि हमें याद है, कमलेश शर्मा जी अपने बच्चों को शिक्षा ग्रहण कराने के लिए साइकिल से दोनों बच्चों को स्कूल ले जाते थे। उसके बाद बच्चे बड़े हुए तब भी उन्हें वह छोड़ने जाया करते थे। आज उनकी मेहनत सफल हुई।