स्लग) आज दिनाक 20 जनवरी 2024 को अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश चेरमैन जनाब शाहनावाज़ आलम जी के निर्देश अनुसार ज़िला शाहजहाँपुर के ज़िला अध्यक्ष सईद अन्सारी के नेतृत्व मे उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को ज़िला अधिकारी द्वारा ज्ञापन सौपा जिसका *विषय*- राज्य सरकार द्वारा दस हज़ार मजदूरों को युद्ध ग्रस्त इज़राइल भेजे जाने के संदर्भ में । अखबारों में प्रकाशित गजट के अनुसार युद्ध ग्रस्त इज़राइल सरकार द्वारा निर्माण कार्यों के लिए भारत से मजदूरों की मांग की गयी है। जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार ने दस हज़ार मजदूरों को भेजने का लक्ष्य रखा है। यह पूरी कवायद न केवल देश के लिए शर्मनाक है बल्कि अपने नागरिकों को मौत के मुंह में धकेलने जैसा है क्योंकि इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच न केवल अभी भी युद्ध चल रहा है बल्कि अब इसमें अन्य देश भी शामिल हो गए हैं और यह एक व्यापक और दीर्घकालिक युद्ध बनता जा रहा है। ऐसी परिस्थिति में अपने नागरिकों की जान को जोखिम में डाल कर इज़राइल भेजना देश के हित के विरुद्ध तो है ही अमानवीय कृत्य भी है। जैसा कि देश के प्रथम प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू ने ‘भारत एक खोज’ में कहा है कि भारत माता कोई और नहीं इस देश की अवाम है, इसलिए प्रदेश सरकार से हम अपील करते हैं कि भारत माता की जान को जोखिम में न डाले। सबसे अहम बात कि इस कवायद से पूरी दुनिया में भारत की बदनामी होगी क्योंकि इससे यह संदेश जाएगा कि भारत के शासकों ने अपनी जनता को इतना गरीब बना दिया है कि वो जीवन व्यापन के लिए उस जगह पर भी मजदूरी करने जाने के लिए मजबूर हैं जहाँ हर मिनट पर आसमान से रॉकेट और बम गिराए जा रहे हैं। इससे यह संदेश भी जाएगा कि भारत फ़िर से औपनिवेशिक दौर की गरीबी से जूझ रहा है जब लोग अमरीकी द्वीपों जैसे वेस्ट इंडीज़ और मॉरीशस में गिर्मिटिया मजदूर बन कर जाते थे। हमारी दरिद्रता की सच्चाई के बाहर आ जाने से देश विरोधी शक्तियाँ इसका गलत फ़ायदा भी उठा सकती हैं। वहीं इससे केंद्र और राज्य सरकारों के उस दावे के बारे में भी दुनिया जान जाएगी कि वैश्विक आर्थिक शक्ति बनने की उनकी बातें झूठी हैं क्योंकि चीन, अमरीका या यूरोपीय देश जिनसे हमारी सरकारें प्रतिस्पर्धा करके हमें विश्व गुरू बनना चाहती हैं उन्होंने अपने लोगों को इज़राइल मजदूरी करने नहीं भेजा है और ना उनसे इज़राइल ने ही इस बाबत आग्रह किया है। जिस पर अल्पसंख्यक कांग्रेस ने मांग कि है कि मजदूरों को इज़राइल भेजने की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगायी जाए। मुख्य रूप से इस मौके उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश सचिव डॉ० फरीद खान , महानगर अध्यक्ष अफज़ाल खान , वकार वारसी , महिला कांग्रेस की ज़िला अध्यक्ष सुनिता सिंह , नेहा पाण्डेय , सलीम इदरीसी , सिकन्दर अली , डॉ० फरीद , मुर्शीद अली , सैय्यद रहमान , तसदीक अन्सारी , मो रेहान , जाबिर अली , अच्छन खान , मकदूम अली , एजाज़ खान , संग तमाम कार्यक्रता मौजूद रहे। अनस अन्सारी जिला मिडिया प्रभारी अल्पसंख्यक कांग्रेस शाह०