शाहजहाँपुर-अपराध पर अंकुश लगाने को प्रयास का दाबा करती पुलिस, घरो में मजमा लगा कर चलाए जा रहे जुआँ खानो को पूरी तरह नज़र अन्दाज करती नज़र आ रही है! जिले लगभग सभी थानो की पुलिस, अपराध पर अंकुश लगाने के प्रयास में नशा कारोबार पर अपना शिकंजा कसती नज़र आ रही है जिसके नतीजे सोशल मीडिया की साईडो पर और लगभग सभी दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रो के पृष्ट पुलिस के सराहनीय कार्य प्रमुख्ता से छप रहे हैं जिससे पुलिस को प्रशंसा होती दिख रही है लेकिन जमीनी हकीकत पर पुलिस की कार्यशैली चर्चा का विषय बनी नज़र आते हैं और क्या चर्चा होती है यह बताने की शायद जरुरत नही!
जिले की लगभग पांच तहसीले में हम तिलहर नगर की ही बात करें तो जहाँ कच्ची शराब, स्मैक, अफीम, चरस और गांजा पकड़ने के कार्य में पुलिस काफी तेजी दिखा रही हैं तो वहीं दूसरी ओर नगर रिहाईशी के क्षेत्रो के घरो में चल रहे जुआँ खाना, जानकारी होने के बाद भी पुलिस नज़र अंदाज़ करती नज़र आती है! माना जाता है कि चलो घरो में होता जुआँ, जहाँ गैर जनपदो से भी जुआँरी अपना दाव लगाने पहुंतचे हैं, को नज़र कर रही है तो वहीं नगर के मोहल्ला उम्मरपुर स्थित नवनिर्माण महिला आईटीआई की बाऊंड्री बाल की आड़ में अनेको जुआँ के फल खुलेआम लगते दिखाई पड़ते हैं जिससे आम नागरिक का निकला बैठना दूभर रहता है!पुलिस से आखँ मिचौली कर ताश के पत्तो को छोड़ जुआँरियों को, फोटो, लिड़ो, और कंचो से मोटा जुआँ खेलने की आखिर कौन सलाह दे रहा है जिसके दम पर जुआँरी बेखौफ हो कर कहीं भी खुलेआम जुआँ खेलने बैठे दिखते हैं! बड़े पैमाने पर घरो में जुआँ खाना चलते रहे और पुलिस अपराध पर अंकिश लगाने का दम भरी रहे, एैसे मे़ कैसे लगेगा अपराध पर अंकुश!सूत्रो की माने तो स्थानीय स्तर पर तैनात तथाकथित सिपाही और एस आई की जानकारी में होने के बाद नगर में जुआँरी पूरी तरह हावी हैं परन्तु ऊपर से फटकार लगते ही आला अफसरो से नम्बर बढ़ाने की ललक में अक्सर छोटे मोटे लोगो को जेल भेज कर इतिश्री होती दिखाई पड़ती है! जुआँ पर पाबन्दी के लिए नगर में आए नये कोतवाल से भी काफी उम्मीदे नज़र आई परन्तु वे सिर्फ वाहनो के चालान और गश्त के नाम पर अपनी ड्यूटी दिखाते नज़र आते हैं!