बस्ती । कथक को विश्व मानचित्र पर प्रतिष्ठित करने वाले महान साधक बिरजू महाराज के निधन से शोक की लहर है। 83 वर्षीय पंडित बिरजू महाराज का नई दिल्ली उनके आवास पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। सोमवार को आर्ट ऑफ बस्ती के सचिव मास्टर शिव के संयोजन में सक्सेरिया इण्टर के संगीत कक्ष मेें शोक सभा कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।
मास्टर शिव ने कहा कि बिरजू महाराज ने विभिन्न प्रकार की नृत्यावलियों जैसे गोवर्धन लीला, माखन चोरी, मालती-माधव, कुमार संभव व फाग बहार इत्यादि की रचना की। सत्यजीत रॉय की फिल्म ‘शतरंज के खिलाड़ी’ के लिए भी इन्होंने उच्च कोटि की दो नृत्य नाटिकाएं रचीं। इन्हें ताल वाद्यों की विशिष्ट समझ थी, जैसे तबला, पखावज, ढोलक, नाल और तार वाले वाद्य वायलिन, स्वर मंडल व सितार इत्यादि के सुरों का भी उन्हें गहरा ज्ञान था। उन्होने संगीत भारती, भारतीय कला केंद्र में अध्यापन किया व दिल्ली में कत्थक केंद्र के प्रभारी भी रहे। इन्होंने हजारों संगीत प्रस्तुतियां देश में देश के बाहर दीं। बिरजू महाराज ने कई प्रतिष्ठित पुरस्कार एवं सम्मान प्राप्त किए। उन्हें प्रतिष्ठित ‘संगीत नाटक अकादमी’, ‘पद्म विभूषण’ मिला। मध्य प्रदेश सरकार सरकार द्वारा इन्हें ‘कालिदास सम्मान’ से नवाजा गया। देश ने एक महान साधक खो दिया है। उनका योगदान सदैव याद किया जायेगा।
बिरजू महाराज को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में मुख्य रूप से गुरू राजेश आर्य, डा. शैलजा सतीश, हाशिम अहमद, शुभम गुप्ता, अश्विनी सिंह, अभिषेक मिश्र, राधे तिवारी, शाद अहमद शाद, सुकृति चन्द्र, रत्नेश, कमलेश यादव, प्रमोद, शुभम आर्य, प्रिन्स गुप्ता, आरोही, नैतिक मिश्र, नितिन सिंह, अमन यादव, पद्मेश दूबे, शिवम गौड़, राम आशीष, विशाल गौड़, आदि शामिल रहे।