कोरोना काल में भी थोक व्यापारियों ने की थी अपनी मनमानी शाहजहांपुर। थोक व्यापारियों को कालाबाजारी करने के लिए एक बहाना होना चाहिए जैसे ही कुछ घटना घटित होने की सम्भावना होती है थोक व्यापारी कालाबाजारी करना शुरू कर देते है। इस समय रूस यूक्रेन के बीच तनाव की खबरे आ रही है। इसी का फायदा उठाते हुए केरुगंज व बहादुरगंज के थोक व्यापारियों ने खाद्यय तेलों सहित तमाम खाद्यय सामान पर रेट बढाकर कालाबाजारी शुरू कर दी है। आपको बता दें कि होली का त्योहार भी नजदीक आ रहा है। एक फुटकर दुकानदार ने बताया दो दिन पहले फार्च्यून की पेटी 2100 रुपये में मिल जाती थी आज केरुगंज में 2630 की हो गई है। इसके अतिरिक्त फार्च्यून रिफाइंड के पीपे पर भी लगभग 250 रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। तथा मैदा आटा 22 रूपए किलो था अब 26 रूपए किलो हो गया है फुटकर दुकानदार ने बताया कि थोक दुकान स्वामी बता रहे है कि विश्व युद्ध होने बाला है इसलिए सामान महंगा हो गया है। थोक व्यापारी सामान देने से भी इंकार कर रहे है। आपको बता दे कि कोरोना काल मे भी केरुगंज व बहादुरगंज के थोक व्यापारियों ने जमकर कालाबाजारी की थी। एक बार फिर व्यापारियों को कालाबाजारी करने का मौका मिल गया है जिसकी वजह से छोटे दुकानदार व आम जनता को भारी दिक्कतों सामना करना पड़ रहा है लेकिन इस कालाबाजारी पर कोई रोक लगाने को तैयार नहीं।