शाहजहांपुर। एस.एस. कॉलेज के वाणिज्य संकाय में छात्र-छात्राओं को ध्वनि प्रदूषण के प्रति जागरूक करने हेतु व्याख्यान एवं प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्राचार्य डॉ. अनुराग अग्रवाल, मुख्य अतिथि एस.पी. डबराल और वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र सिंह ने स्वामी शुकदेवानंद सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया। छात्रों को संबोधित करते हुए डॉ. के.के. वर्मा ने कहा कि तेज आवाज में हॉर्न बजाने से ना केवल ध्वनि प्रदूषण होता है, बल्कि दुर्घटना का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए छात्र-छात्राओं को अनावश्यक हार्न नहीं बजाना चाहिए और अपने वाहनों में वैधानिक रूप से मान्य ध्वनि तक का ही हार्न लगवाना चाहिए। डॉ. संतोष प्रताप सिंह ने कहा कि छात्रों को अपने आसपास रहने वाले पड़ोसियों को भी ध्वनि प्रदूषण के प्रति जागरूक करना चाहिए और उनसे हल्की आवाज में टीवी आदि बजाने का अनुरोध करना चाहिए। डॉ. सचिन खन्ना ने कहा कि ऊँची ध्वनि में बोलने या चीखने-चिल्लाने का दुष्प्रभाव शरीर की सभी नाड़ियों पर पड़ता है। साथ ही मानसिक तनाव भी बढ़ाता है। अतः सदैव सामान्य स्तर पर ही बोलना चाहिए। डॉ. देवेंद्र सिंह ने कहा कि उच्च ध्वनि प्रसारित करने वाले यंत्रों या उपकरणों का सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए । रसायन विज्ञान के डॉ. आलोक सिंह ने बताया कि ध्वनि प्रदूषण से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इस अवसर पर विधि महाविद्यालय से आमंत्रित डॉ. मृदुल शुक्ला ने छात्रों को मोटर-वाहन अधिनियम में हार्न और इंजन की ध्वनि के संबंध में वर्णित प्रावधानों को समझाया। कार्यक्रम के अंत में ध्वनि-प्रदूषण-ज्ञान प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। जिसमें श्रेया खन्ना ने प्रथम, काजोल बोस ने द्वितीय, ईशा वर्मा ने तृतीय और फातिमा अंसारी तथा पीयूष शुक्ला ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी छात्रों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। डॉ. रूपक श्रीवास्तव के संचालन में हुए कार्यक्रम के अंत में डॉ. गौरव सक्सेना ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के संयोजन में डॉ. विजय तिवारी, डॉ. जगदीश कुमार, डॉ. अजय कुमार वर्मा, मिस बृज लाली, मिस अपर्णा त्रिपाठी, प्रकाश कुमार वर्मा, अंकुर अवस्थी, तुषार रस्तोगी, मनीष कुमार, रावेंद्र, इशिता गुप्ता, अनुभव रस्तोगी, सोना वार्ष्णेय, वैष्णवी रस्तोगी, हर्षित मिश्रा, आदित्य खन्ना, नमन मिश्रा, सौम्या गोयल आदि का विशेष योगदान रहा।