शाहजहांपुर । बीमार मां को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था न हो सकी तो बेटा हाथ ठेली पर लिटाकर उन्हें अस्पताल के लिए दाैड़ पड़ा। ढाई किमी. की दूरी करने में आधे घंटे का समय लग गया। जब अस्पताल के गेट पर पहुंचे तब तक देर हो चुकी थी। चिकित्सक ने महिला को मृत घोषित कर दिया। मानवता को शर्मसार करने वाली घटना जलालाबाद के मुहल्ला महाजनान की है। यहां नली वाली गली में रहने वाले सोनेलाल गुप्ता की किराने की दुकान है। बेटे दिनेश चाट का ठेला लगाते हैं। बुधवार दोपहर सोनेलाल की पत्नी बिटोली देवी चाट के लिए सामान तैयार कर रही थीं। तभी उनकी पीठ में दर्द उठा। दिनेश उनको पास में ही चिकित्सक ओमप्रकाश के पास ले गए तो उन्होंने सीएचसी ले जाने के लिए कहा। दिनेश ने ई रिक्शा वाले से कहा तो उसने इन्कार कर दिया। आस पड़ोस का कोई भी व्यक्ति भी मदद में आगे नहीं बढ़ा। तो दिनेश गली में खड़े अपने ठेले पर मां को लिटाकर सीएचसी के लिए चल दिए। करीब ढाई किमी. की दूरी तय करने में आधा घंटा लग गया। जब सीएचसी पहुंचे तो वहां प्रभारी चिकित्सक डा. अमित यादव ने बिटोली देवी को मृत घोषित कर दिया। रुपये नहीं थे इसलिए नहीं किया फोन स्वास्थ्य विभाग के प्रचार प्रसार के बाद भी लोगों तक एंबुलेंस सेवा को लेकर सही जानकारी नहीं है। दिनेश ने बताया कि उन्होंने एंबुलेंस के लिए फोन इसलिए नहीं किया क्योंकि उन लोगों के पास किराया देने के लिए रुपये नहीं थे। मां की हालत बिगड़ रही थी।इसलिए इंतजार करने की बजाय वह उनको ठेले पर लेकर अस्पताल के लिए चल दिए, लेकिन इसके बाद भी मां की जान नहीं बच सकी। जब उन्हें बताया गया कि एंबुलेंस सेवा निश्शुल्क होती है तो बोले इस बारे में जानकारी नहीं थी अच्छी नहीं है परिवार की आर्थिक स्थिति !!सोनेलाल के परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है। वह मुहल्ले में ही किराने की छोटी सी दुकान करते हैं। दूसरा बेटे कुंवरलाल ट्रक पर हेल्पर थे। इन दिनों उनके पास काम नहीं है। दिनेश चाट का ठेला लगाते हैं। सोनेलाल ने बताया कि उनके पैर में चोट है।पत्नी की तबीयत बिगड़ते ही बेटा दिनेश उनको ठेले पर लेकर अस्पताल के लिए चल दिया। वह व कुंवरलाल किसी तरह पीछे-पीछे वहां तक गए, लेकिन तब तक पत्नी की मृत्यु हो चुकी थी।(बाक्स में)हमारे पास सीएचसी से इस बारे में सूचना आई थी। जब दिनेश गुप्ता को काल किया गया तो उन्होंने बताया कि एंबुलेंस के लिए कोई फोन नहीं किया। घर के पास ही ठेला खड़ा था इसलिए उसी से मां को लेकर अस्पताल चले आए। शिवओम तोमर, प्रभारी डायल 108महिला को जब अस्पताल लाया गया तो उन्हें तत्काल देखा गया। उनकी मृत्यु हो चुकी थी। एंबुलेंस के काल से संबंधित हमारे पास कोई जानकारी नहीं है।
डा. अमित यादव, चिकित्साधिकारी