ईकाई ने सुरक्षित बचपन बचाओं अभियान के तहत शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पहुच कर सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौपा।
सुरक्षित बचपन के लिए बाल श्रम व बाल शोषण पर रोक लगना जरूरी है। इसके लिए समाज के हरेक वर्ग को जागरूक होना होगा। तभी सुरक्षित बचपन संभव हो सकता है।’ यह बातें शुक्रवार को सुरक्षित बचपन विषय पर आयोजित कार्यशाला में एसोशिएशन के जिला उपाध्यक्ष वरूण मिश्रा ने कही। कार्यक्रम में राहुल वर्मा ने कहा कि बाल श्रम व बाल शोषण कानूनी अपराध है। और इस पर रोक लगना अतिआवश्यक है। सुरक्षित बचपन के लिए बाल श्रम व बाल शोषण पर रोक लगना जरूरी है। इसके लिए हरेक वर्ग को जागरूक होना होगा। और लगातार संघर्ष करना होगा। इसके लिए हरसंभव सहयोग करने का आश्वासन दिया। जिसके बाद सदस्यों ने कलेक्ट्रेट पहुचकर सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौपा ज्ञापन मे बताया कि खेलने-कूदने के दिनों में जिले में हजारों बच्चों को घरेलू नौकरी से लेकर बाहर कचरा बीनते, कारखानों में मजदूरी करते, होटल, चाय-नाश्ते के रेहडियों व खोखों पर झूठे बर्तन धोते हुए देखा जा रहा है यहा तक कि इन दिनों मूगफली के दरानों पर सबसे ज्यादा बच्चे ही मजदूरी करते देखे जा रहे है। रौजा जलालाबाद अल्हागंज मे ज्यादा मूगफली के दराने है सभी पर 17 साल से नीचें के बच्चे काम कर रहे है वेसे तो शहरों से लेकर गांवों कस्बों में चारों तरफ बाल श्रम का मक्कड़जाल की तरह बचपन को अपने आगोश में लिए हुए है। बाल श्रम से परिवारों को चंद रूपये हाथ लगते हैं, जिसके लिए गरीब अपने बच्चों के भविष्य को इस गर्त में झोक देते है। रौजा जलालाबाद अल्हागंज के मूगफली दरानों पर इस समय नाबालिग बच्चें ही काम करते देखे जा रहे है। मूगफली दानों की सफाई करते समय उनके पास मास्क भी नहीं होता है धूल कचडा गंदकी सब उनके शरीर मे जाती है। यहां तक की किसी भी मजदूर के पास मास्क नहीं मिलता है। बस स्टैंड व राजमार्ग स्थित कई अन्य चौराहों पर ये बच्चे पानी की थैलियां, बोतल, मूंगफली व अन्य खाने की चीजें भी बेचते दिखते हैं। श्रम विभाग इस और ध्यान नहीं दे रहा है शिकायते करो तो यह लोग शिकायत कर्ता का नाम पता बता देते है। जिससे विवाद होने का डर लगा