स्टे के बाद भी पैतृक भूमि पर जबरन पंचायत घर की आड़ में अबैध कब्जा तिलहर-स्थानीय प्रशासन अपनी दबंगई के सामने न्यायालय को नीचा दिखाने में लगा है! न्यायालय द्वारा बादी पक्ष में दिया गया स्टे, स्थानीय प्रशासन नही मान रहा है! ग्राम प्रधान की अबैध मदद में खड़ा स्थानीय प्रशासन पीड़ित की पैतृक भूमि पर पंचायत घर निर्माण कराने पर आमादा है जबकि पिछले कार्यकाल में अर्धनिर्माण पड़े पंचायत घर में सरकार का लाखो रुपया पानी की तरह बहा दिया गया! मामला जिले के तिलहर ब्लाक स्थित ग्राम पंचायत खिरिया सकटू का है! खिरिया स्थित ग्राम प्रधान चुनावी रंजिश के तहत पैतृक भूमि पर नया पंचायत घर निर्माण कराने पर आमादा है और उसकी इस हठधर्मी में स्थानीय प्रशासन पूरी तरह साथ दे रहा है जबकि सरकार का लाखो रुपया खर्च करके पिछले प्रधान कार्यकाल में एक पंचायत घर गांव में निर्माणाधीन है! गांव में पैतृक भूमि 98 मिन जुमला रक़बा 0.323 हे०भूमि और इसी 98 मिन जुमला नम्बर में रक़बा 0.049 हे० पंचायत घर के नाम है! वादी की पैतृक भूमि में नाली, तालाब व सड़क व आवादी में निकलने के बाद 0.279 हे० ही रह गई और इसी भूमि पर ग्राम प्रधान चुनावी रंजिश के तहत जबरन पंचायत घर निर्माण कराने की हठधर्मी पर लगा है जबकि उक्त प्रकरण में न्यायालय सिविल जज (जूनियर डिविजन) ने अपने आदेश में कहा है कि विवादित आराजी स्थित ग्राम खिरिया सकटू परगना व तहसील तिलहर जिला शाहजहाँपुर गाटा संख्या 98 रक़बा 0.323 हे० जिसकी सीमाए उत्तर में तालाब व आवादी, दक्षिण में सड़क, पूर्व में सड़क, पश्चिम में सड़क पर वादीगंण के शांतिपूर्ण अध्यासन में प्रतिवादी संख्या 1 लागायत 4 स्वयं, अपने परिवारीजन, ईष्टमित्र कर्मचारी व सहयोगी सहित किसी प्रकार की बांधा उत्पन्न करने तथा उसके किसी भाग पर अतिक्रमण कर विधि प्रतिकूल कब्जा करने से बाज रहे! न्यायालय में अगली सुनवाई तारीख नियत होने के बाद भी ग्राम प्रधान स्थानीय प्रशासन के उच्चाधिकारी द्वारा पीड़ित वादी को डरा धमका कर न्यायालय की अवहेलना कर अबैध रूप से पंचायत घर निर्माण कराने का प्रयास कर रहे हैं! सूत्रो की माने तो एसडीए तिलहर द्वारा ग्राम प्रधान की इस नाजायज मदद करने में पीड़ित को फोन पर धमका कर पहले तो उसकी पैतृक सम्पत्ति हड़प कर पंचायत घर निर्माण कराने के नाम पर प्रदेश सरकार के लाखो रुपये का बंदरबांट करने पर तुले हैं जबकि इससे पूर्व में अर्धनिर्माण पंचायत घर की आड़ में भी प्रदेश सरकार का लाखो रुपया पानी की तरह बहाया जा चुका है जिसकी भरपाई एसडीएम तिलहर नही करा पा रहे हैं!