शाहजहांपुर खुटार 19 फरवरी (पी एम ए) नगर पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में धांधली की जड़ें काफी गहरी हैं। कुछ को छोड़कर लगभग सभी सभासदों ने गरीबों को वापस दिलाने के बजाए खुद अपने और अपने परिजनों के नाम पर आवास आवंटित करा लिए। पीएम आवास योजना मे अब परत-दर-परत अनियमितता व भ्रष्टाचार की पोल खुलती जा रही है। धांधली का खुलासा होने के बाद अब सभासदों में खलबली मची है। नगर के मोहल्ला गांधीनगर मे पूर्व सभासद मो.शरीफ की पत्नी सभासद है। इन सभासद महोदया ने अपने साथ ही अपने परिजनो के नाम पर आवास आवंटित करा लिया है। यही नहीं लाभार्थियों की दूसरी सूची में भी उनके परिवार के सदस्यों के नाम सम्मिलित हैं। इसके अलावा पूर्वी गढ़ी से सभासद सुनीला देवी ने अपने तीन बेटो, जेठ, देवर के दो बेटो के नाम पर भी प्रधानमंत्री आवास आवंटित करा लिए है। मोहल्ला बगियानाथ के सभासद राविंदर ने खुद अपने नाम, अपनी मां और भाई के नाम पर भी आवास आवंटित कराए है। मोहल्ला रायटोला की सभासद अनुपमा देवी, नरायनपुर के सभासद आशीष मिश्र, देवस्थान के सभासद आशीष गुप्ता, कोट की सभासद रेखा, सभासद कृपाशंकर, सभासद हबीब भी पीएम आवास योजना का लाभ लेने से पीछे नही रहे। जिन्होंने मोहल्ले की गरीब जनता को पीएम आवास योजना का लाभ दिलाने के बजाए खुद अपने आप और अपने परिजनो को इस योजना का लाभ दिलवाया। जबकि इनमे से ज्यादातर सभासदो और उनके परिजनो के पास पहले से ही पक्के मकान हैं। इसके बावजूद आवास आवंटित करा लिए। दरअसल आवास आवंटन मे सभासदो के साथ मिलकर डूडा के पर्यवेक्षकों ने पूरा खेल किया। सुविधा शुल्क लेकर लाभार्थियों की सूची में अपात्रों के नाम शामिल किए। सभासदों ने अपना व परिवार के लोगों का नाम भी सूची में शामिल करा दिया। इसके लिए वास्तविक पात्रों के नाम काट दिए गए। धांधली उजागर होने के बाद अब इनमे खलबली मची है।
*सभासदो और पर्यवेक्षकों पर लगे वसूली के आरोप*
नगर पंचायत मे पीएम आवास स्वीकृति को लेकर कुछ सभासदो और पर्यवेक्षक उमेश कुमार, वीरेंद्र सिंह पर वसूली के आरोप लगते रहते है। लाभार्थी उनके खिलाफ उच्चाधिकारियों के साथ ही शासन को पत्र भेजने की तैयारी में है। यदि शासन स्तर से जांच कराई गई, तो आरोपित सभासदों का गला तो फंसेगा ही डूडा परियोजना अधिकारी व पर्वेक्षको के लिए भी जवाब देना मुश्किल हो जाएगा।
*जांच के बाद होगी कार्यवाही : डीसी*
डूडा के डीसी शैलेश कुमार सिंह ने बगैर जियो टैग के दूसरी किस्त नहीं भेजी जा सकती है। लाभार्थी को पहली किश्त मे पहले फाउंडेशन तैयार करना पड़ता है। उसके बाद दूसरी किस्त के लिए जियो टैग होता है और फाउंडेशन तैयार होने पर ही दूसरी किस्त लाभार्थी के खाते में भेजी जाती है। अगर बगैर फाउंडेशन देखे, जिओ टैग कर दूसरी किस्त का भुगतान किया गया है, तो उसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
*सभासदो ने पात्रो के नाम कटवाकर ‘अपनो’ के नाम आवंटित करा लिए आवास*
— नगर पंचायत खुटार मे पीएम आवास योजना मे नही रूक रही धांधली- डूडा के पर्यवेक्षकों ने सुविधा शुल्क लेकर किया पूरा खेल- कई सभासदो और उनके अपनो के पहले से ही बने है पक्के मकान।