श्रीराम लीला मंचन में मारा गया रावण पुतला किये गये दहन
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शाहजहाँपुर-UP/ ओसीएफ चल रहे श्रीराम लीला मंचन में मारा गया रावण रावण के भाई कुंभकर्ण व पुत्र मेघनाथ का वध हो जाता है उसके बाद रावण को यह सूचना मिलते ही रावण व्याकुल होता है रावण युद्ध की तैयारी करता है जिस पर उसकी पत्नी मंदोदरी रावण से कहती है कि अब भी आप सीता को वापस कर दीजिए सीता कोई साधारण स्त्री नहीं बल्कि स्वम मां जगदम्बा स्वरूपा का अवतार हैं आपकी इसी जिद ने लंका का सर्वनाश कर दिया! मेरे पुत्रों को मुझसे छीन लिया मैं अभी आपसे कहती हूं कि आप चराचर के स्वामी प्रभु श्रीराम से जीत नहीं पाएंगे इस पर रावण कहता है यदि अब मैं युद्ध से पीछे हटता हूं तो मैं कायर कहलाऊंगा मेरे कुल वाले मुझ पर थूकेंगे और कहेंगे कि रावण कायर था इसलिए मैं युद्ध करूंगा और यदि राम ईश्वर का अवतार है तो मैं मोक्ष उन्हीं के हाथों द्वारा लूंगा । रावण युद्ध की तैयारी करता है और महादेव के पास जाता है महादेव से प्रार्थना करता है कि मेरी विजय हो और कहता है महादेव यदि मुझे आप जैसा ईश्वर नहीं मिलेगा ,तो हे महादेव आपको भी रावण जैसा भक्त नहीं मिलेगा । और कहता है यदि मैं जीवित रहा तो आपसे अवश्य मिलूंगा उसके बाद रावण युद्ध में जाता है युद्ध होता है और युद्ध में धारा शाही हो जाता है रावण के तीर लगने के बाद प्रभु श्री राम अपने अनुज लक्ष्मण से कहते हैं कि रावण महापंडित महाज्ञानी है जाओ उसे जाकर ज्ञान लो लक्ष्मण जी रावण के सर के पास खड़े हो जाते हैं इस पर रावण कहते हैं यदि किसी से ज्ञान लेना हो तो उसके सर पर नहीं पैरों में रहना चाहिए और रावण अपने अंतिम उपदेश के साथ संसार विदा लेते हैं ! रावण अंकित ,राम रोहित ,लक्ष्मण देवेंद्र,सीता रानी,शिवी मंदोदरी,मोहित हनुमान, सुग्रीव सुभाष, आदि ऑर्डनेंस ड्रामाटिक क्लब के कलाकार सम्मिलित रहे । इस मौके पर मेला महासचिव हितेश अग्रवाल सचिव दिनेश सक्सेना एवम श्री रामलीला मंचन संयोजन समिति के अध्यक्ष एस सी सिंह , सचिव रवि बाबू, संयुक्त सचिव एवं निर्देशक पैट्रिक दास , संयुक्त सचिव देवेश दीक्षित, सदस्य एवं निर्देशक अंकित सक्सेना , एवम कलाकार सुरक्षा महेंद्र दीक्षित , एवं टीम कंट्रोलर अरुण डी आर, मंचन मीडिया प्रभारी रोहित सक्सेना ,मंच संचालक सतीश आदि के साथ ऑर्डनेंस ड्रामाटिक क्लब के कलाकार व मंचन समिति के समस्त पदाधिकारी उपस्थित रहे ।