एक महीने में  5 बार से अधिक ट्रांजैक्शन अब और महंगा हो जाएगा। एक जनवरी 2022 से  ग्राहकों को हर ट्रांजैक्शन पर अब 20 रुपये के बजाय 21 रुपये चार्ज देना पड़ेगा। रिजर्व बैंक ने बैंकों को शुल्क बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। यानी अगर आप एटीएम से हर महीने फ्री कैश या नॉन कैश ट्रांजेक्शन की लिमिट क्रॉस करते हैं तो आपको ये शुल्क चुकाने होंगे। हालांकि, आरबीआई ने कहा कि ग्राहक अपने बैंक के एटीएम से हर महीने पांच मुफ्त लेन-देन (वित्तीय और गैर-वित्तीय लेनदेन सहित) करते रहेंगे। ग्राहकों के लिए मेट्रो शहरों में अन्य बैंक के एटीएम से तीन और गैर-मेट्रो शहरों में पांच मुफ्त लेनदेन की सुविधा है।

चार्ज बढ़ाने की ये है वजह

आरबीआई ने बताया कि ग्राहकों पर लागू शुल्क में अगस्त 2014 में संशोधन किया गया था। ऐसे में समिति की सिफारिशों की पड़ताल के बाद इंटरचेंज फीस और कस्टमर शुल्क बढ़ाने का फैसला लिया गया है। बैंकों व एटीएम ऑपरेटर्स पर पड़ने वाली एटीएम डिप्लॉयमेंट लागत और रखरखाव खर्च के साथ सभी हितधारकों व उपभोक्ताओं की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है। आरबीआई ने गैर-वित्तीतय लेनदेन के शुल्क को 5 रुपये से बढ़ाकर 6 रुपये कर दिया है, जो 1 अगस्त 2021 से प्रभावी हो जाएगा।

जून 2019 में RBI ने एटीएम शुल्क के पूरे सरगम ​​​​की समीक्षा के लिए भारतीय बैंक संघ के तत्कालीन अध्यक्ष वीजी कन्नन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। समिति की सिफारिशों को जुलाई 2020 में सार्वजनिक किया गया था। समिति ने एटीएम शुल्क की गणना के लिए एक मीट्रिक के रूप में जनसंख्या का उपयोग करने की सिफारिश की थी।