करीब 52 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को 1 जुलाई से उनकी सैलरी बढ़ने की उम्मीद है। इस उम्मीद की वजह सातवें वेतन आयोग की सिफरिशें हैं। केंद्रीय कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के तहत डीए बकाये और पेंशनरों को डीआर का भुगतान का इंतजार है। नेशनल काउंसिल ऑफ जेसीएम के सेक्रेटरी (स्टाफ साइड) शिव गोपाल मिश्रा के मुताबिक इसको लेकर जल्द ही एक बैठक की अध्यक्षता कैबिनेट सेक्रेटरी करेंगे। उन्होंने कहा कि इस बैठक में मुख्य रूप से 7वें वेतन आयोग के डीए और डीआर पर चर्चा होगी।
बता दें केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के चलते महंगाई भत्ते को रोक दिया था, लेकिन इसको जल्द ही देने का प्लान बनाया जा रहा है। जुलाई में केंद्रीय कर्मचारियों के खाते में यह भत्ता ट्रांसफर किया जा सकता है। महंगाई भत्ते के बीच में एक ध्यान देने वाली बात फिटमेंट फैक्टर की है। केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करने में फिटमेंट फैक्टर का एक अहम योगदान होता है। फिटमेंट फैक्टर लगने की वजह से ही केंद्रीय कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी सीधे 6000 रुपए से 18000 रुपये पहुंच गई थी।
क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?
7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, फिटमेंट फैक्टर 2.57 है। केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करते समय, भत्तों के अलावा जैसे महंगाई भत्ता, यात्रा भत्ता, हाउस रेंट अलाउंट कर्मचारी की बेसिक सैलरी को 7वें वेतन आयोग के फिटमेंट फैक्टर 2.57 से गुणा करके निकाला जाता है।
DA बहाली के बाद फिटमेंट फैक्टर का क्या होगा सैलरी पर असर
एक उदाहरण के जरिए शिव गोपाल मिश्रा ने समझाते हुए कहा कि अगर किसी केंद्रीय कर्मचारी का मासिक वेतन 20,000 रुपये है तो नए नियमों के लागू होने पर उसका मासिक वेतन 51,400 (2000×2.57) रुपये होगा। इसके बाद टीए, डीए ,मेडिकल रिम्बर्समेंट जैसे भत्ते की गणना की जाएगी। इसके बाद मंथली बेसिक पे और कुल भत्ते मिलकर किसी कर्मचारी को हर महीने मिलने वाला वेतन होगा। बेसिक सैलरी किसी कर्मचारी के कुल मासिक सैलरी का करीब 50 फीसद होता है। इस तरह अगर कोई केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी अगर 20 हजार रुपये है तो उसकी ग्रॉस मंथली सैलरी करीब 1,02,800 (51,400×2) रुपये होगी। इसके बाद इस सैलरी पर मंथली PF कंट्रीब्यूशन, सोर्स पर इनकम टैक्स आदि कटौती की जाएगी। उसके बाद कर्मचारी के टेक होम सैलरी का निर्धारण होगा।
नेशनल काउंसिल ऑफ जेसीएम के शिव गोपाल मिश्रा कहते हैं कि लेवल एक के कर्मचारियों का डीए एरियर 11,880 रुपये से लकेर 37, 554 रुपये के बीच होगा। उन्होंने कहा कि यदि लेवल-13 (7वें सीपीसी मूल वेतनमान ₹1,23,100 से ₹2,15,900) या लेवल-14 (वेतनमान) के लिए गणना की जाती है तो केंद्र सरकार के एक कर्मचारी का डीए बकाया लाखों (₹1,44,200 से ₹2,18,200) जाएगा।
जनवरी से जून 2020 तक डीए एरियर इतना बनेगा
केंद्रीय कर्मचारी जिनका न्यूनतम ग्रेड पे 1800 रुपये (लेवल-1 बेसिक पे स्केल रेंज 18000 से 56900 ) को 4320 रुपये [{ 18000 का 4 फीसद} X 6] से 13656 रुपये [{ 56900 का 4 फीसद}X6]. 7वें वेतन आयोग के तहत मिनिमम ग्रेड पे पर केंद्रीय कर्मचारियों का जुलाई से दिसंबर 2020 तक डीए एरियर 3,240 रुपये [{18,000 का 3 फीसद}x6] से 10,242 रुपये [{56,9003 रुपये का 3 फीसद }x6] होगा। जबकि, जनवरी से जुलाई 2021 के बीच डीए एरियर की गणना करें तो 4,320 [{ 18,000 रुपये का 4 फीसद}x6] से 13,656 रुपये [{₹56,900 का 4 फीसद}x6].
इसका मतलब किसी केंद्रीय कर्मचारी, जिसका न्यूनतम बेसिक सैलरी 18000 रुपये है, उसे डीए एरियर के रूप में 11,880 रुपये मिलेंगे( 4320 + 3240 + 4320 रुपये)। अगर केंद्रीय कर्मचारियों के पे-मैट्रिक्स के हिसाब से न्यूनतम वेतन 18000 रुपए है और इसमें 15 फीसद महंगाई भत्ता जुड़ने की उम्मीद है. इस लिहाज से 2700 रुपए महीना सीधे तौर पर सैलरी में जुड़ जाएगा। सालाना आधार पर अगर देखें तो कुल महंगाई भत्ता 32400 रुपए बढ़ जाएगा। दरअसल, जून 2021 के महंगाई भत्ते का भी ऐलान होना है। सूत्रों की मानें तो वह भी 4 फीसद बढ़ने का अनुमान है। अगर ऐसा होता है तो 1 जुलाई को तीन किस्तों के भुगतान के बाद अगले 6 महीने में 4 फीसद का और भुगतान हो सकता है।