लाख की स्मैक और चरस के साथ गिरफ्तार किया जब यह इतना पूंजीपति है तो इसका निवास कैसे आवंटित हो गया।
जबकि काशीराम कालोनी माया सरकार मे गरीबों के लिये मुहैया कराई गई थी तो यह करोड़पति कहाँ से आ गया और आया भी तो उस समय के अधिकारियों को कितना चढ़ावा चढ़ाकर यह भी एक जांच का बिषय है फिर नगर निगम की नजर क्यों नहीं जा रही है इन जैसे गरीबों पर वहीं अगर यह वाकई गरीबी की रेखा मे आता है तो इस माल का असली मालिक कौन