मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एस पी गौतम ने कहा कि रोज़ा शाम को इफ्तार के साथ खोला जाता है, दिनभर कुछ भी खाया या पिया नही जाता है, लंबे समय तक पानी न पीने से ज्यादातर डिहाइड्रेशन, चक्कर आना,गैस, उल्टी की दिक्कत हो सकती है,ऐसे में इफ्तार के समय किये जाने वाले भोजन में ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए जो चीजें आसानी से पच जाएं, और दिन भर पानी की जरूरी मात्रा बनी रहे,सहरी व इफ्तार में हमेशा कम तली हुई चीजें ही खाएं, तली हुई चीजों से प्यास ज्यादा लगती है, सहरी में प्रोटीन और फाइबर वाली चीजें ज्यादा लें, मल्टीग्रेन रोटी, छिलके सहित फल,अंडे, पनीर, चिकन आदि खा सकते हैं।
वैसे कई घंटों तक खाली पेट रहने के कारण गैस की समस्या ज्यादा होती है इसीलिए शाकाहारी भोजन का प्रयोग ज्यादा करना चाहिए जैसे ज्यादा हरी पत्तेदार सब्जी और सलाद का सेवन करना चाहिए जिसमें खीरा, ककड़ी, तरबूज, संतरा, अंगूर खाया जा सकता है, इन फलों में पानी और फाइबर की मात्रा अधिक होती है।सहरी के दौरान कैफीन वाली चीजों से बचें,चाय या कॉफी शरीर का पानी सोख लेती है, इससे बार बार प्यास लग सकती है, कॉफी की जगह नींबू पानी का सेवन कर सकते हैं।इफ्तार के समय हल्की चीज़ें ले जैसे खजूर, शिकंजी या सूप लें,तुरंत ही ज्यादा तेल वाली चीजों से बचें इनसे उल्टी, पेट दर्द, एसिडिटी हो सकता है।धूप से अपना ध्यान रखें, जरूरी न हो तो सुबह दस बजे के बाद और शाम पांच बजे से पहले घर से बाहर न निकले,शरीर को ढक कर रखें, सिर पर गमछा बांधे, गमछे को गीला न करें।रमज़ान में रात को सहरी के लिए उठने के कारण नींद नहीं हो पाती है, दिन में आराम करें, पर्याप्त नींद लेने की कोशिश करें। ज्यादा थकान और भागदौड़ वाला काम न करें।
एक्सरसाइज करना न छोड़ें कुछ लोग व्रत या रोज़ा रखने के बाद टहलना, व्यायाम बिकुल बंद कर देते हैं, लेकिन इस दौरान 15-20 मिनट तक किये गए व्यायाम से शरीर को तनाव से दूर रखता है।