शाहजहांपुर कैंट स्थित आर्मी गैरिसन स्कूल के बच्चो के मध्य कहानी सुनो कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें एसएस कालेज के इतिहास विभागाध्यक्ष डा विकास खुराना ने असेंबली के बाद बच्चो को पंचतंत्र की कहानियां सुनाई। डा खुराना ने इस अवसर पर कहा कि सोशल मीडिया और मोबाइल के युग में बच्चे कहानियों के मर्म जिसमे उनके अंदर बुद्धिमत्ता का प्रवेश किया जाना सुनिश्चित किया जाता है लुप्तप्राय हो रहा है। ऐसे में स्कूलों के जरिए बच्चो को अपनी समृद्ध विरासत से जोड़े जाने की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि पंचतंत्र की कहानियां सैकड़ो वर्षो के अनुसंधानों का परिणाम है। वैदिक काल में जब मानव घने जंगलों और जीव जंतुओं से घिरा रहता था उस समय उनके स्वभाव को समझकर प्रख्यात आचार्य विष्णु शर्मा ने महिलारोपेय नामक राज्य के राजा के चार पुत्रों को शिक्षित करने के लिए इन कहानियों में नीति का संचार किया।उल्लू और कौवों के राज्य में शत्रुता,भयंकर सर्प से चिड़िया द्वारा अपने परिवार की सुरक्षा,कबूतरों द्वारा एकता का परिचय देते हुए जाल को के उड़ना, लोमड़ी की चालाकी इत्यादि पांच जीवन आयामों का समूह पंचतंत्र है।इसके अतिरिक्त बच्चो में मानवीय गुणों का समावेश करने के लिए उन्हें मुंशी प्रेमचंद की कहानी मंत्र सुनाई गई जिसमें एक अहंकारी चिकित्सक के इकलौते लड़के पर सांप के जहर का इलाज वो बूढ़ा व्यक्ति करता है जिसका पुत्र डॉक्टर के असंवेदनहीन रवैया के कारण प्राण त्याग देता है।स्कूल की प्रिंसिपल नेहा ग्रेहवाल ने कहा कि कहानियों के माध्यम से बच्चो में नैतिक गुणों का समावेश किया जाना चाहिए।बहुत दिन नहीं हुए जब प्रत्येक घर में बच्चे अपने दादा दादी के साथ बैठकर कल्पनालोक की कहानियां सुनते थे।एकल तथा कामकाजी परिवार में अब इस विधा का क्षय होता जा रहा है।इसको पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है।कार्यक्रम में वरिष्ठ शिक्षिका बीना खाडेलवाल,शिखा मिश्रा,सारा खान, नेहा मिश्रा,अभिषेक मिश्रा,शिप्रा मिश्रा सहित सभी सेक्शन के विद्यार्थी उपस्थित थे।